डॉ. रामबली मिश्र
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हरिहरपुरी का सवैया
भरना हर पेट यही करना, मन से दिल से शुभ चिंतन हो।
प्रभु से कहना सबको कुछ दें, हर मानव का अभिनंदन हो।
बदले सबकी नित सोच सदा, प्रिय भाव बहे परिवर्तन हो।
हिय में उपजे शिव वृत्ति सदा, सब शोक हरें सुख नर्तन हो।
Muskan khan
09-Jan-2023 06:09 PM
Nice
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Muskan khan
09-Jan-2023 06:09 PM
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